Poems

गिनती 

गिनती सिर्फ हमारे हाथों और पैरों की की जाती है,

हमारे सपनों और उम्मीदों की नहीं…

Short stories

तीन साल बाद गोपाल मिला !

“चलो चाय पीते है?” मैंने उससे कहा और बाहर लगी बैंच पर बैठ गए। बैठते हुए मैनें उसके पहनावे को ध्यान से देखा। व्यवस्थित जींस की पेन्ट और सही माप का शर्ट । सच कहूं तो गोपाल बहुत जंच रहा था। चाय का आर्डर देने के बाद मैं गोपाल की ओर मुखातिब हुआ- “कहां थे इतने समय, कभी मिले ही नहीं उसके बाद।”

Cartoons

थप्पड़ से डर नहीं लगता, साहब…

थप्पड़ से डर नहीं लगता, साहब… टमाटर के बढ़ते दाम से लगता है! हमें पूरी तरह एहसास है कि यह कार्टून आज के समय के हिसाब से शायद उतना सटीक न लगे, क्योंकि जब इसे बनाया गया था, तब टमाटर के दाम आसमान छू रहे थे। लेकिन जब आप इसे देख रहे होंगे, तब संभव

Short stories

हम खेलते नहीं, सिर्फ खेलने के लिए…

खेल के प्रति हमारी सच्चाई इसी बात से समझी जा सकती है कि हमारे पास खेल की सारी वस्तुएँ और समय न होने के बावजूद, हम अपने आसपास की चीज़ों से ही क्रिकेट का बैट, बॉल, पूरा स्टेडियम और खेलने के लिए दो टीमें बना लेते हैं। हमारा जनरेटर के तेल का डब्बा विकेट बन जाता है, फावड़ा हमारा बैट, और निर्माण स्थल हमारा स्टेडियम।

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