कागज़ का गुलाब
मौका ही नहीं होता था बात करने का। जब तक वह लड़की अख़बार लेने बालकनी में आती, तब तक राजू नीचे जा चुका होता। इन दोनों की ओर से मानो डोरबेल ही एक-दूसरे से बात करती थी…
मौका ही नहीं होता था बात करने का। जब तक वह लड़की अख़बार लेने बालकनी में आती, तब तक राजू नीचे जा चुका होता। इन दोनों की ओर से मानो डोरबेल ही एक-दूसरे से बात करती थी…
Milk went, Nandini came,
Ragi went, Prestige** came,
Rice went, Shobha*** came, my mother!
Green turned to yellow belt, my mother!