Short stories

हम खेलते नहीं, सिर्फ खेलने के लिए…

खेल के प्रति हमारी सच्चाई इसी बात से समझी जा सकती है कि हमारे पास खेल की सारी वस्तुएँ और समय न होने के बावजूद, हम अपने आसपास की चीज़ों से ही क्रिकेट का बैट, बॉल, पूरा स्टेडियम और खेलने के लिए दो टीमें बना लेते हैं। हमारा जनरेटर के तेल का डब्बा विकेट बन जाता है, फावड़ा हमारा बैट, और निर्माण स्थल हमारा स्टेडियम।